Thursday, 8 November 2012

ELECTRIC MOON

चाँद की कहानी,
चाँद की जुबानी,..

'अरे क्यों दम भरते हो, क्यों मामा सबको हो बनाते,
चाँद को दाग लगते,
और फिर चाँद के नाम से ही साबुन , बत्ती , कोल्ड क्रीम  लगते,..
वाह रे इंसान, तेरी कमाल

खुशबु बेचे तू, सब दूर गंदगी फैलाके,
रोशिनी दे पैकेट में, सबों ओर काला चुना पुताके,
Nutritious गोलिया बटता फिरे, अनाज के Nutrition चुराके,
समुंदर में पसीना छोड़े, Save Water और साफ़ पानी का tag लगाके।
सबों पेड़ काटके, बनाए पेपर, लिखे उसपर 'save tree' और  ठाक से मनाए  Environment day।
वाह रे इंसान,  
तेरी कमाल  ....

खुद Ozone को खोदे, और UN मीटिंग बुलाए, उसके बचाने ,
गरीब देशों में Charity और सभ्यता का पाठ पढ़ाने,
और बाकी खुद कचरा बढाए , Energy की Atomic धज्जिया उड़ने ,
और सारे नियम पढ़े
गर हम अगरबत्ती भी जलाए,
वाह  रे इंसान,
तेरी कमाल ....

व्यर्थ लहू खनीज जलाके,
खोजे नए Space Time Dimensions घुमाके,
चाँद मंगल पर खोजे पानी, खुद का पानी जलाके,
जिंदा आत्मा को जलाए, लोगों को क्लेश गालिया टेंशन बजाके,
फिर प्राणायाम बेचे ,- शांत मन की उपमा चाँद को बताते,
चीथड़े फाड़
दे बच्चों की दुनिया उजाड़,
फिर दे बांट उन्हें प्रेम से 'चाँद की कहानियों की किताब'..'

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