Tuesday 30 October 2012

Passion High Definition....

काया तेरी कश्मकश ,..तेरे रूप का अम्बार लगे,
होश उड़ा दो  तुम मेरे ,. तुम पे जान निसार हो,
 कमर पर से पसीना छलके,
दृश्य बड़ा मनमोहक लगे,
रोशिनी के स्पर्श हो उस कमर पर, मन मेरा उतेजित हो,
खो जाऊ तेरे गीत-न्रित्य में,
और भूल जाऊ ये दुनिया सारी।

आँखों में तो चमत्कार बसा,
तेरी आखोँ का नशा मेरी आखों से छलका ,
और वो काले घटादार केश,...मुक्त होते ही मदहोश मखमली अँधेरा सजा।
सुल्जाते वो लटाए सारी ,.मेरे हाथों ने नया करतब खोजा,.
बस निकती रहे दिन-रात तेरी रूह और में बनु राख,..
युही खोता  जाऊ तेरे तन-बदन में,
और भूल जाऊ ये दुनिया सारी।

आग लगी मेरे नुमाइसों में,..स्पर्श तेरा होते ही,
जान निकल जाती सारी,
सासों में साँस मिलते ही, साँस सिर्फ तेरी रह जाती।
तेजोमय चेहरा तेरा रूप-रूप सुवर्ण अम्बार,
पाने की इच्छा मुजम  होती रहे,
तुझे भरम-भार।

शायद येही जीवन-संग तेरा मधुर लगता,
वरना  बाकी दुनिया चले, लगे भवर का जंजाल ,
तेरे नाम में छिपा दे मुझे, तेरे आघोश में डूबा रहू ज़िन्दगी या मौतभर ,
खो जाऊ  तेरे ख्वाब-ख्यालों  में
जीऊ , मरू, या अमर हो रहू क़यामत तक,.
और भूल जाऊ,.....

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